निकाय चुनाव को लेकर कांग्रेस एक्शन मोड में
हरिद्वार जनपद निकाय चुनाव प्रभारी प्रकाश जोशी के निर्देश पर महानगर कांग्रेस अध्यक्ष अमन गर्ग ने हरिद्वार नगर निगम के 60 वार्डों में 22 प्रभारियों की नियुक्ति को अमली जामा पहना कर कांग्रेस को एक्शन मोड पर अलर्ट कर दिया है। साथ ही सभी 22 प्रभारियों से उम्मीद भी जताई है कि आगामी 5 दिनों में अपने-अपने वार्डों में सभाएं करके लोगों की समस्याओं से अवगत हो और चुनावों के लिए ठोस रणनीति अमल में लाई जाए।
आगामी नगर निकाय चुनाव में कांग्रेस की जीत हो इसी को मद्देनजर रखकर इस रणनीति को सबसे पहले अमल में लाए कांग्रेस नेता मनोज सैनी जिन्हें वार्ड 57 जगजीतपुर और वार्ड 58 राजा गार्डन दो वार्डों का प्रभारी नियुक्त किया गया है। प्रभारी मनोज सैनी अपने पूरे एक्शन मोड में दिखे कनखल ब्लॉक के कार्यकारी अध्यक्ष दिनेश वालिया के निवास स्थान पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं की एक बैठक को संबोधित करते हुए। उसे बैठक में अध्यक्ष के तौर पर मौजूद थे महंत अजय दास जी महाराज। अब बात करते हैं वार्ड 57 एवं 58 की बैठक में क्या हुआ, किन मुद्दों पर चर्चा हुई और किन मुद्दों पर चर्चा नहीं हुई और होनी चाहिए थी।
चर्चा हुई राष्ट्रीय मुद्दों को लेकर मसलन महंगाई, बेरोजगारी, किसानों आदि को लेकर जिनका नगर निकाय चुनाव में कोई मतलब वास्ता नहीं है। यह सब मुद्दे आम चुनाव और राज्य चुनाव में प्रमुखता से हर राजनीतिक दल उठाता है और इन्हीं पर चुनाव भी लड़ा जाता है लेकिन नगर निकाय की चुनाव में स्थानीय मुद्दे ही जनता का ध्यान अपनी तरफ खींचते हैं।
सड़के, नालियां, उनकी साफ सफाई, शहर की साफ सफाई ,स्ट्रीट लाइट, कूड़े का सही निस्तारण, पीने के पानी की गुणवत्ता और उपलब्धता, सीवर की सुचारू निकासी की व्यवस्था आदि आदि जो कि उस वार्ड, क्षेत्र की मूलभूत समस्याएं होती हैं और इन्हीं समस्याओं के निवारण के लिए उसे क्षेत्र के लोग पार्षद, सदस्य को अपने प्रतिनिधि के रूप में चुनते हैं। एक बात जरूर निवर्तमान पार्षद उदयवीर चौहान ने अच्छी कहीं की जगजीतपुर में एक इंटर कॉलेज हो और जंगली जानवरों से क्षेत्र वासियों को कैसे सुरक्षित किया जाए इस पर ध्यान दिया जाना चाहिए।
बाकी और राष्ट्रीय स्तर के किसी भी मुद्दे का कोई औचित्य नहीं है। इसके इतर स्थानीय मुद्दे ही लोगों के बीच घूमने चाहिए। पिछले 5 सालों में कांग्रेस ने हरिद्वार नगर निगम को करीब से देखा है एक-एक बात जो नगर निगम की कार्यप्रणाली में रोज होती थी कांग्रेस बखूबी वाकिफ रही है। उन्हीं कामों को केंद्रबिंदु बनाकर कांग्रेस को जनता के बीच जाना चाहिए। मसलन कांग्रेस ने अपने 5 सालों के कार्यकाल में किन-किन कामों को किस-किस वार्ड में पूरा किया और किस-किस वार्ड, क्षेत्र में काम क्रियान्वित था और अभी आधा रह गया। कांग्रेस को पता है पिछले 5 सालों में कौन-कौन से किस-किस वार्ड में काम प्रस्तावित थे और उन्हें पूरा किया जाना है। प्रत्येक वार्ड में लोगों को कांग्रेस बता सकती है इन 5 सालों में उसकी नगर निगम में क्या-क्या उपलब्धियां रही है और पाइपलाइन में अभी कौन-कौन से काम हैं और अधूरे रह गए और उन्हें अगले 5 साल में पूरा किया जाना अत्यंत आवश्यक है।
दूसरों की खामियां, कमियां ना देखकर, ना गिनाकर सिर्फ कांग्रेस अपने किए हुए अच्छे कामों की फेहरिस्त लेकर अगर लोगों के बीच जाए अपने-अपने क्षेत्र, वार्ड में अपने किए हुए काम भी अगर गिना दे और साथ ही अपनी आगामी योजनाओं को विस्तार रूप से लोगों को बताएं तो भी इस बार कांग्रेस फिर से हरिद्वार नगर निगम पर काबिज हो सकती है। जरूरत है तो बस स्थानीय मुद्दों को लेकर प्राथमिकता से लोगों के बीच जाया जाए ना कि किसी राष्ट्रीय मुद्दे को लेकर क्योंकि महंगाई, बेरोजगारी, किसानों के मुद्दे वैसे भी किसी मेयर या पार्षदों की बस की बात नहीं है।
मेयर और पार्षद वही कर सकते हैं जो है उनके कार्य क्षेत्र में आता है और वह बखूबी जानते हैं उन्हें अपने क्षेत्र के विकास के लिए क्या करना है कैसे लोगों से संवाद करना है।