पहाड़ी आर्मी उत्तराखंड संगठन के संस्थापक अध्यक्ष हरीश रावत ने आज राज्य आंदोलनकारी जे०पी० बडोनी जी के साथ प्रेस वार्ता कर पत्रकारों के समक्ष मूल निवास एवं भू- कानून से संबंधित अपनी बातों को रखा।
उन्होंने पत्रकारों को बताया हमारी मांग है की मूल निवास एवं भू- कानून सरकार स्पष्ट करें। सरकार का कहना है कि हम इस पर सख्त कदम उठा रहे हैं और भू-कानून के लिए सख्त नियम ला रहे हैं लेकिन वह सख्त कदम और सख्त कानून कौन से हैं सरकार इस बात पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे पा रही है।

 हमें नगर निगम, नगर पालिका और गांव में पूर्ण रूप से लागू भू- कानून चाहिए उत्तराखंड सरकार बड़ी चालाकी से नगर पालिका को नगर निगम बना रही है गांव को नगर निकाय बना रही है वहां पर म्युनिसिपल एक्ट लगता है जबकि वहां भू- कानून एक्ट नहीं लगता। साढ़े बारह एकड़ एकड़ जमीन हमें खरीदने का प्रावधान है और इसी के चलते बाहर के लोग भी जमीन खरीद रहे हैं।

हम भू- कानून संविधान की पांचवी अनुसूची के आधार पर लगाने की मांग कर रहे हैं वही एक आधार है जो हमें मूल निवास दे सकता है जिससे हमें राज्य सरकार और केंद्र सरकार के रोजगार में साढ़े सात प्रतिशत आरक्षण मिलेगा, बच्चों को पढ़ने के लिए छात्रवृत्ति मिलेगी। इसी मुद्दे को लेकर हम पूरे उत्तराखंड में अपनी बात रख रहे हैं, संघर्ष कर रहे हैं।
उत्तराखंड एकता मंच आगामी 22 दिसंबर को नई दिल्ली के जंतर मंतर में मूल निवास संसद रखी गई है जिसमें सभी पहाड़ी लोग देश भर से इकट्ठा होंगे। उन्होंने आगे कहा हमारी मांग है कि पहाड़ की राजधानी पहाड़ में ही बने। यहां रोजगार होगा तो प्लान रुकेगा इसलिए भी हम इस रिवर्स प्लान की तैयारी कर रहे हैं। लोग अपने घर वापस आए और यहीं रोजगार करें। बॉबी पवार के साथ हम लोग खड़े हैं जो भ्रष्टाचार की लड़ाई वह लड़ रहे हैं।
पहाड़ी आदमी उत्तराखंड संगठन के जिला अध्यक्ष आदेश कुमार ने कहा कि हमारा संगठन पूरे उत्तराखंड के विकास के लिए लड़ रहा है, विकास में भागीदारी करेगा। भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारे संगठन की लड़ाई जारी रहेगी।
प्रेसवार्ता में नरेंद्र चौहान, प्रमोद नेगी, विनोद नेगी, कमलेश जेठी,कपिल जौनसारी आदि उपस्थित थे।

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